Movie prime

इतने सालो में इंसानो की जगह रोबोट करेंगे काम ,लेकिन एक्सपर्ट्स ने इसे प्राइवेसी के लिए बताया खतरनाक

 

तकनीकी ने दुनिया को तेजी से बदला है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से इस बदलाव की रफ्तार और तेजी आयी है।  संभव है कि दशक भर में दुनिया कितनी बदल जाए इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। ब्रिटेन और जापान की  65 AI विशेषज्ञों के इंटरव्यू के बाद तैयार की गई रिपोर्ट कहती है इस दशक के अंत तक दुकानों पर इंसानों की जरूरत नहीं होगी खरीदारी में खर्च होने वाले समय में 60 परसेंट  तक कमी हो जाएगी। AI के के जरिए दुकान मॉल की सुरक्षा से लेकर बिलिंग,  सफाई से लेकर स्टोरेज तक सारी चीजें रोबोट करेंगे  घरो के  ज्यादातर काम औटोमेशन  पर होंगे। 

AI की बहुत ज्यादा मदद मिलने की उम्मीद नहीं है

विशेषज्ञ कहते है की कि झाड़ू ,पोछा ,बर्तन ,धोना खाना बनाने जैसे घरो कि 39% काम रोबोट करेंगे। हालांकि बच्चों और बड़ों की देखभाल में इस दशक के अंत तक AI की बहुत ज्यादा मदद मिलने की उम्मीद नहीं है।  ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में AI  और सोसाइटी की प्रोफेसर एकटैरिना हरटॉग बातों से लेकर हरकतों तक हर चीज पर एक तरह का सर्विलांस हो गया है। AI तकनीक जैसे-जैसे स्मार्ट होती जा रही है, हमारी निजता खतरे में पड़ती जा रही है। इस दशक के अंत तक इंसानों के लिए अपनी निजता बचाए रख पाना मुश्किल होगा।वे कहती है की ये ऐसा हमला जिसके लिए सोसाइटी बिलकुल तैयार नहीं गई।। 

AI तकनीकों के सस्ते होने में लंबा समय लगेगा 

   में घरों के काम की वजह से महिलाएं पुरुषों के बराबर तरक्की नहीं कर पातीं। स्मार्ट घरों में महिलाओं के पास भी पुरुषों जितना खाली समय होगा, जिससे समाज में समानता आएगी।वे जापान का उदारहण देती है की जहॉ पुरुषों के मुकाबले महिलाएं घर का 5 गुना  काम करती है। इस वजह से वो तरक्की नहीं कर पाती है। । स्मार्ट घरों में महिलाओं के पास भी पुरुषों जितना खाली समय होगा, जिससे समाज में समानता आएगी। हरटॉग कहती हैं- AI के इतने प्रभावी होने के बावजूद यह सबके लिए सुलभ नहीं होगी। AI तकनीकों के सस्ते होने में लंबा समय लगेगा। इस दशक के अंत तक यह इतनी महंगी होगी कि दुनिया में कुछ समृद्ध लोग ही इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। ज्यादातर स्मार्ट तकनीकें आम लोगों की पहुंच से बाहर होंगी। यह रिपोर्ट शोध पत्रिका प्लस वन में छपी है।