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विदेश जाने वाले पेसो पर आरबीआई ने दी रिपोर्ट ,पढ़ाई के लिए विदेश जाने का आखिर क्यों घट गया पैसा

 

आरबीआई ने भारतीयों के विदेश में  होने वाले खर्च पर एक रिपोर्ट जारी की है इस में सामने आया है कि  2022 -23  की शुरुआती 9 महीनों में ही विदेश घूमने घूमने फिरने के लिए कुल 81,508 करोड रुपए भेजे गए यह राशि 2021-22 के सभी 12 महीनों के मुकाबले 40% ज्यादा है। अहम बात यह है कि यह रकम रिकॉर्ड स्तर यानी 2019 के मुकाबले में 107 परसेंट ज्यादा है। 

विदेश में पढ़ाई के लिए भेजा जाने वाला पैसा एक साल में ही 50% घटा है

आरबीआई की रिपोर्ट में दूसरी चौंकाने वाली बात यह है कि विदेश में पढ़ाई के लिए भेजा जाने वाला पैसा एक साल में ही 50% घटा है। रिकॉर्ड स्तर के मुकाबले में 10% कम पैसा भेजा जा रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि विदेश जाने वाले छात्र घट गए हैं या उनकी पढ़ाई का खर्च गया है बल्कि कोरोना की वजह से ज्यादा छात्रों को भारत लौटना पड़ा है। विशेषज्ञों की मानें तो विकसित देशों में पढ़ाई के लिए वीजा मिलने में दिक्कत आ रही है। 
 

1 साल पहले 4503 करोड रुपए था

महंगाई और ब्याज दरें बढ़ने से विकसित देशों में नौकरियों की संभावनाएं भी प्री-कोविड स्तर से कुछ कम हुई हैं, इसलिए भी छात्रों की रुचि घटी है। केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में दिए गए एक जवाब के अनुसार 2021-22 में एजुकेशन लोन सालाना आधार पर सालाना आधार पर 68.2% बढ़कर 7,576 करोड़ हो गया। यह 1 साल पहले 4503 करोड रुपए था। साथ ही बैंकों की एजुकेशन लोन पोर्टफोलियो में विदेश की पढ़ाई के लिए लोन की हिस्सेदारी  पचास परसेंट तक पहुंच गई है। यह पिछले साल सिर्फ 26 परसेंट पर था। भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने बुधवार को रेपो रेट में 0 पॉइंट पच्चीस परसेंट का इजाफा किया है इसलिए रिपोर्ट 6 पॉइंट 25 से बढ़कर 6 पॉइंट 50 हो गए हैं यानी कि होम लोन उसे लेकर और पर्सनल लोन अब सब कुछ महंगा हो जाएगा आपको ज्यादा EMI चुकानी  पड़ेगी हालांकि  एफडी  पर ज्यादा ब्याज दरे मिलेगी।