पुलिस ने किया 15 हजार सिमकार्डों को इसलिए ब्लॉक ,यहां जाने क्या है पूरा माजरा

इन दिनों कई जगह अवैध सिम कार्ड के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहते हैं। इसी बीच बेंगलुरु शहर की पुलिस ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पिछले तीन हफ्तों में 1500 से अधिक सिम कार्ड की पहचान कर उन्हें ब्लॉक किया है जिसका इस्तेमाल धोखेबाजों द्वारा किया गया था। पुलिस ने शनिवार को कहा कि शहर की सीमाओं के पार इस तरह के साइबर अपराध के मामले तेजी से बड़े हैं जिसके कारण पुलिस ने कार्रवाई की है।
साइबर क्राइम की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए 16 अगस्त का एक विशेष अभियान शुरू किया गया था
पुलिस के मुताबिक ,शहर में साइबर क्राइम की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए 16 अगस्त का एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। इसके तहत पुलिस 16 अगस्त से 7 सितंबर तक 15368 सिम कार्डों की पहचान की और उन्हें ब्लॉक कर दिया जिसका इस्तेमाल धोखेबाजों द्वारा किया जाता था। ब्लॉक किए अधिंकाश सिम कार्ड उत्तरी भारत में पाए चालू पाए गए और धोखेबाजो द्वारा विभिन्न धोखाधड़ी के तरीकों से निवासियों को धोखा देने के लिए इस्तेमाल किए गए। अधिकारी ने कहा ,इस साल जनवरी से साइबर अपराध से संबंधित मामलों में वृद्धि हुई और हमने उन बहुत सारी शिकायतें मिली।
सिम कार्ड का इस्तेमाल कहीं निर्देश लोगों को धोखा देने के लिए कर सकता है
इन मामलों में पीड़ित ने उन नंबर को रजिस्टर करवाया जिसके माध्यम से उनके साथ धोखाधड़ी हुई ,हमने उन सभी नंबरों को वेरीफाई किया और तुरंत ब्लॉक कर दिया गया। पुलिस उपयुक्त रविंद्र गदादी ने कहा कि एक जालसाज एक ही सिम कार्ड का इस्तेमाल कहीं निर्देश लोगों को धोखा देने के लिए कर सकता है। ऐसे में यदि सिम कार्ड को तुरंत ब्लॉक नहीं किया जायेगा तो इसका इस्तेमाल किसी अन्य पीड़ितों को टारगेट किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा ,यह एक अभियान है और जब भी हमें संदिग्ध नंबरों की पहचान करेंगे तो उसे ब्लॉक कर देंगे। पुलिस ऐसे सिम कार्डों की पहचान करने के लिए पिछले सालों की केस फाइल का विश्लेषण भी कर रहे हैं इससे जिनका उपयोग धोखाधड़ी गतिविधियों का अंजाम देने के लिए किया गया था। उन सभी सिम कार्ड को ब्लॉक करने में आसानी होगी।