UPI से पेमेंट करना अब हो जायेगा महंगा ,यहां जाने सब कुछ

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने जानकारी दी है कि 1 अप्रैल से मर्चेंट यूपीआई लेनदेन पर 1.1 प्रतिशत तक इंटरचेंज फीस लागू होगी। पिछले कुछ समय से ऐसी अफवाहे थी कि लोगों को ₹2000 से ऊपर की पेमेंट करने की फीस देनी होगी। लेकिन अब एनपीसीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रांजैक्शन फीस लोगों से नहीं मर्चेंट से वसूली जाएगी।
यह फीस ₹2000 से अधिक के लेनदेन पर वसूली जाएगी
हाल ही में NPCI के एक सर्कुलर जारी करते हुए जानकारी दी है कि यूपीए के जरिए लेनदेन के लिए प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट का उपयोग करने पर इंटरचेंज फीस लगेगी। यह फीस ₹2000 से अधिक के लेनदेन पर वसूली जाएगी। इंटरचेंज फीस व्यापारियों की केटेगरी के हिसाब से0.5% से 1.1% से तक अलग-अलग होती है। बुधवार को जारी किए अपने सर्कुलर में NPCI ने कहा कि नई फीस केवल प्रीपेड पेमेंट साधनों के जरिए किए गए मर्चेंट लेनदेन पर ही लागू होगा।
NPCI Press Release: UPI is free, fast, secure and seamless
— NPCI (@NPCI_NPCI) March 29, 2023
Every month, over 8 billion transactions are processed free for customers and merchants using bank-accounts@EconomicTimes @FinancialXpress @businessline @bsindia @livemint @moneycontrolcom @timesofindia @dilipasbe pic.twitter.com/VpsdUt5u7U
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सामान्य यूपीआई भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा
इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया गया कि सामान्य यूपीआई भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा जिसे "बैंक अकाउंट-टू-अकाउंट आधारित यूपीआई भुगतान" कहा गया है।एक रिपोर्ट में कहा गया है की दूरसंचार, शिक्षा और उपयोगिताओं/डाकघर के लिए इंटरचेंज फीस 0.7% है, जबकि सुपरमार्केट के लिए फीस ट्रांजेक्शन वैल्यू का 0.9% है। वहीं, बीमा, सरकार, म्यूचुअल फंड और रेलवे के फीस कथित तौर पर 1%, ईंधन के लिए 0.5% और कृषि के लिए 0.7% है। यह सभी फीस 1 अप्रैल से लागू होगी 30 सितंबर 2023 को या उससे पहले एनपीसीआई द्वारा मूल्य निर्धारण का रिव्यू किया जाएगा। रिपोर्ट आगे कहती हैं कि पीयर-टू-पीयर (P2P) मर्चेंट लेन-देन के मामले में इंटरचेंज लागू नहीं होगा। PPP जारीकर्ता को ₹2000 से अधिक लेनदेन के लिए वॉलेट-लोडिंग शुल्क के रूप में बैंक को 15 बेसिस पॉइंट्स (bps) का भुगतान करना होगा।