सरसों की रिकॉर्ड तोड़ आवक से घटे सरसों के दाम ,आम लोगो को मिलेगा इतने सस्ते दामों में तेल

इस बार रंगो के त्योहार होली के मौके पर मेहमानों को जमकर पकवान खिलायें क्योंकि खाद्य तेल के भाव जेब पर भारी नहीं पड़ने वाले हैं। क्योंकि इनकी फिलहाल इन के महंगा होने के चांस ना के बराबर है। देश में सरसों की पैदावार अच्छी हुई है। मंडियों में नई फसल पहुंचने लगी है और सरसों का तेल का रेट उतरने लगा है।
2-3 महीने तक मंडी में सरसों की आवक लगातार जारी रहेगी
होली के आसपास सरसों के अलावा सोयाबीन और पामोलिन तेल का भी प्रयोग किया जाता है। इन तीनों का रेट किफायती दूर पर है । 2-3 महीने तक मंडी में सरसों की आवक लगातार जारी रहेगी। गुरुवार को राजस्थान की मंडियों में 3.15 लाख टन कट्टे, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.25 लाख टन कट्टे, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.5 लाख टन कट्टे, गुजरात में 1.15 लाख टन कट्टे और अन्य राज्यों में 1.25 लाख टन कट्टे उतरे हैं। पीक सीजन में एक दिन में 15 लाख टन कट्टे आते हैं। 10-12 दिनों में रोजाना 15 लाख टन कट्टे आने लगेंगे। एक कट्टे में 50 किलो सरसों होती है। गुरुवार को राजस्थान की मंडियों में सुरेश मेघवाल ने केंद्र से आग्रह किया है कि 15 मार्च सरकारी एजेंसियों के जरिए सरसों की खरीददारी शुरू करवा दें ।
सरसों 5 हजार से 5200 रुपये में बिक रही है
पिछली बार 2019 में सरकार ने 2800000 टन सरसों खरीदी थी जबकि उस साल 8500000 टन की पैदावार हुई थी इस साल 115 लाख टन सरसों पैदा होने की उम्मीद है अभी सरसों का न्यूनतम मूल्य ₹5450 प्रति क्विंटल है। मंडियों में फिलहाल सरसों 5 हजार से 5200 रुपये में बिक रही है, क्योंकि सरसों में नमी है। हफ्तेभर में सरसों सूख जाएगी, तो इसका वजन बढ़ेगा। इस बार कंज्यूमर पर कोई भार नहीं पड़ने वाला है। सरसों की आवक बढ़ने पर तेल सस्ता होगा। पिछले एक हफ्ते में 5 से 7 रुपये प्रति किलो दाम घटे हैं। अभी 5 रुपये प्रति किलो रेट और गिरने की उम्मीद है। आशा है कि 110 रुपये किलो सरसों का तेल हो जाए।