पीएमओ का नकली अधिकारी बनकर Z+ सुरक्षा और फाइव स्टार की सुविधा लेने वाला किरण पटेल हुआ अरेस्ट ,यहां जाने कौन है ये

गुजरात के ठग किरण भाई पटेल की अगुवाई में ऑफिशियल टीम होने का नाटक कर रहे तीन लोग कश्मीर छोड़कर भाग गए। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी। हालांकि पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में उक्त गिरोह के सरगना "सीनियर पीएमओ ऑफीशियल" को श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों का कहना है कि गुजरात के अमित हितेश पांडिया और जय सीतापारा व राजस्थान की त्रिलोक सिंह भी श्रीनगर के एक पांच सितारा होटल में पटेल के साथ रह रहे थे।
प्रधानमंत्री कार्यालय की एक अधिकारिक टीम का हिस्सा होने का ढोंग कर रहे थे
प्रधानमंत्री कार्यालय की एक अधिकारिक टीम का हिस्सा होने का ढोंग कर रहे थे। पटेल के वकील रेहान गौहर ने राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके साथ आए दो लोगों को पुलिस ने छोड़ दिया। उनका मेरे क्लाइंट ने मुझे बताया कि उसके साथ गुजरात के दो और लोग थे। पुलिस ने धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान भी दर्ज किया है। दोनों को पुलिस ने रिहा कर दिया। सूत्रों का कहना है कि बडगाम जिले के आधिकारिक दौरे पर एक वरिष्ठ अधिकारी को उनके के साथ जाने के लिए कहने के बाद पटेल संदेह के घेरे में आ गए।
एडिशनल डायरेक्टर बताने वाला पटेल को करीब 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था
शीर्ष सूत्रों के मुताबिक अधिकारी ने एक शीर्ष सीआईडी अधिकारी से संपर्क किया। बाद में खुफिया अधिकारियों द्वारा जांच की द्वारा की गई जांच में धोखे बाजो को पकड़ लिया। सूत्रों का कहना है कि एक आईएएस अधिकारी ने दक्षिण कश्मीर में जिला मजिस्ट्रेट है ने शुरू में पुलिस की सुरक्षा शाखा को वरिष्ठ पीएम अधिकारी के दौरे में बारे में सूचित किया था। गौरतलब है कि खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का वरिष्ठ अधिकारी बताकर जम्मू कश्मीर प्रशासन से जेड प्लस सुरक्षा ,एक बुलेट प्रूफ महिंद्रा स्कार्पियो ,पांच सितारा होटल में आधिकारिक प्रवास की सुविधा समेत और भी बहुत सी सुविधा लेने और सुरक्षा व्यवस्था का खुले तौर पर मजाक उड़ाने में कामयाब रहा। इस ठग करण भाई पटेल नई साल की शुरुआत में श्रीनगर के अपने दो दौरों के दौरान अधिकारियों के साथ कई बैठकें भी की थी। खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में रणनीति और अभियानों का जिम्मा संभालने वाले एडिशनल डायरेक्टर बताने वाला पटेल को करीब 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था लेकिन उसकी गिरफ्तारी को पुलिस ने गोपनीय रखा गुरुवार को मजिस्ट्रेट द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद यह मामला सामने आया।