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भारत की बढ़ती आबादी अच्छी खबर है या बुरी खबर ,यहां जाने पूरी बात

 

यह तो 1 दिन होना ही था बचपन से पढ़ते आये  है कि  दिन 1 दिन चीन को पछाड़कर दुनिया सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। आखिरकार वो दिन आ ही गया। आज जारी संयुक्त राष्ट्र के नए आंकड़ों के मुताबिक भारत की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख हो गई जबकि चीन की संख्या 142 करोड़ 57 लाख ज्यादा है बढ़ती  जनसंख्या अभिशाप है या वरदान अच्छी खबर है या बुरी खबर इन सवालों से केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया जूझ रही है। 

संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कहा गया है कि 15 से 24 वर्ष के 25 करोड़ नौजवान अभी भारत में है

पहले माना जाता था कि अधिक जनसंख्या का अर्थ है संसाधनों पर बोझ ,अब एक दलील यह भी दी जाती है कि बढ़ती जनसंख्या का मतलब देश के पहिए को तेजी से घुमाने वाले ज्यादा हाथ। आंकड़ों के मुताबिक भारत के लिए इसका क्या मतलब है। जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2050 तक हर पांचवा भारतीय बुजुर्ग हो जाएगा कि केरल और पंजाब में बुजुर्गों की संख्या अधिक होगी। वही यूपी और बिहार में 9 जवानों की संख्या अधिक होगी। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कहा गया है कि 15 से 24 वर्ष के 25 करोड़ नौजवान अभी भारत में है। 

वहीं 2007 के बाद भारत की जनसंख्या स्थिर  हो जाएगी

दुनिया में किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक युवा भारत में है साथ ही यह भी अनुमान लगाया गया है कि साल 2007 तक भारत की आबादी बढ़ती रहेगी वहीं 2007 के बाद भारत की जनसंख्या स्थिर  हो जाएगी। भारत चीन की तुलना में आर्थिक विकास में पिछड़ गया। जारी आंकड़ों के अनुसार चीन और भारत की आर्थिक विकास में बड़ा अंतर दिखाया गया। हालांकि भारत में गरीबी कम देखी गई है गरीबों की संख्या में कमी दर्ज हुई है। भारत ने बनाई जीआर को पीछे छोड़ दिया है।  भारत ने में महिला श्रमिकों की भागीदारी की दर की चीन की तुलना में काफी कम है जहां चीन में 0% से ज्यादा महिलाएं काम करती है वहीं भारत में एक तिहाई से कुछ महिलाएं काम करती है।