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आईएएस ऑफिसर के दादा -दादी ने किया सुसाइड ,बोले सुखी रोटी खाने से अच्छा जहर खा ले

 

मेरे खाने इसमें मुझे सूखी रोटी देते हैं ,यह मीठा जहर है।  आखिर में कितने दिन तक खाता, इसलिए सल्फास की गोलियां खा ली है।  यह सुसाइड नोट में लिखा हुआ एक बुजुर्ग दम्पति का दुख है जिन्होंने घरवालों के प्रति प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली।  दिल को पसीजने  वाला यह मामला हरियाणा के चकरी दादरी का है। जहां पर एक बुजुर्ग दंपत्ति ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। 

यह आईएस विवेक आर्य के दादा दादी की कहानी है

आपको बता दें कि यह आईएस विवेक आर्य के दादा दादी की कहानी है जो फिलहाल अंडर ट्रेनी आईएएस ऑफिसर है। विवेक आर्य ने साल 2021 में यूपीएससी सीएसई की परीक्षा क्वालीफाई की थी। यह मामला बघाड़ा का है जहां पर अपने बेटे वीरेंद्र आर्य के साथ रहने वाले उनके 78 वर्षीय माता पिता जगदीश चंद्र आर्य  और 77 साल की भागली देवी ने रात में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा ,पुलिस के लिए छोड़ा और कॉल करके पुलिस को आत्महत्या की जानकारी दी। 

डीएसपी विरेंद्र चौहान ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू की जा चुकी है

मौके पर पहुंची पुलिस ने जगदीश चंद्र  आर्य  बिगड़ती हालत को देखकर उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। उसके बाद उन्हें दादरी सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें और उनकी पत्नी और उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में जगदीश चंद्र ने लिखा है कि ,मेरे बेटे के पास बढ़ाना में 30 करोड़ की संपत्ति है। लेकिन फिर भी उसके पास मुझे देने के लिए एक रोटी नहीं है। घर से निकाले जाने के बाद जगदीश चंद्र ने 2 साल अनाथालय में काटे इस दौरान उनकी पत्नी को लकवा मार गया था। वापस लौटने के बाद कुछ दिन तक उनके दूसरे बेटे ने उन्हें सहारा दिया इसके बाद उन्हें बासी रोटी देना शुरू कर दिया। जगदीश चंद्रा  कहते हैं ,उन्होंने खाने में बासी रोटी दी जाती थी आखिर यह मीठा जहर कब तक आता है। इसलिए हमने सल्फास की गोली खा ली। हरियाणा पुलिस ने मामले पर संज्ञान लेते हुए परिवार के चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। डीएसपी विरेंद्र चौहान ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू की जा चुकी है।