इस आईपीएस की मौजूदगी से दहशत में आ जाते है बड़े बड़े गुंडे भी ,पहले ही अटेम्प्ट में बन गयी थी ऑफिसर
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करना कोई बच्चों का खेल नहीं है। इसे पास करने के लिए अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। हर साल करीब 1000000 अभ्यर्थी परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। लेकिन केवल 1000 अभ्यर्थी ही इस परीक्षा को पास कर ऑफिसर का पद हासिल कर पाते हैं। आज हम इस परीक्षा को पास कर बनी आईपीएस ऑफिसर प्रीती चंद्रा के बारे में बात करेंगे जिनका नाम सुनते ही वहां के बड़े-बड़े डकैत सरेंडर कर देते थे। इनके नाम का इतना खौफ था कि अपराधी इनकी पोस्टिंग की खबर सुनते ही थर थर कांपने लगते थे। आपको बता दें की राजस्थान के सीकर जिले की रहने वाली है।
प्रीति ने साल 2008 में बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली
उनका जन्म 1988 में हुआ था। प्रीति शुरू से ही जिंदगी में जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहती थी इसलिए वह पत्रकार बनने चाहती थी लेकिन एमफिल की डिग्री हासिल करने के बाद प्रीति ने स्कूल में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। हालांकि उनके मन में हमेशा कुछ बड़ा करने का जुनून सवार रहता था। इसको देखते हुए उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देने का निर्णय लिया। प्रीति ने परीक्षा के लिए इतनी तैयारी करें कि उनका पहले ही अटेम्प्ट में आईपीएस के पद के लिए सिलेक्शन हो गया। बता दें की प्रीति ने साल 2008 में बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली।
आईपीएस बनने के कुछ समय बाद जब प्रीति की पोस्टिंग करौली में हुई थी
आईपीएस बनने के कुछ समय बाद जब प्रीति की पोस्टिंग करौली में हुई थी वहां उन्होंने वहां के अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए कई बड़े काम किये है एसपी के तौर पर काम करते हुए उन्होंने वहां पर अपराधियों बीच ऐसा डर बैठा है कि वहां के बड़े-बड़े डकैतों ने खुद ही सरेंडर कर दिया। बता दे की यह इन डकैतों से लोहा लेने के लिए प्रीति ने अपनी टीम के साथ चंबल के बीहड़ों में भी उतर जाती थी। इसके बाद उन्होंने राजस्थान के बूंदी जिले में कई ऐसे गिरोह का खुलासा किया जो छोटी बच्चियों का देह व्यापार के धंधे में धकेला करते थे। प्रीति ने उन सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था। इसके अलावा उन्होंने कई नाबालिग बच्चियों को देह व्यापार के धंधे से बाहर निकाला इसके बाद लोग उन्हें लेडी सिंघम के नाम से बुलाने लगी।