बंपर छूट के नाम पर कम्पनियाँ ऐसे बनती है बेवकूफ ,यहां जाने कैसे मॉल का डिजाइन लोगो को फंसाता है अपने जाल में

फेस्टिव सीजन के नाम पर चल सेल सबको अट्रैक्ट करती है त्योहारों के आने के पहले ही ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर सेल सेल सेल दिखाई देने लगी। वहीं बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल्स ब्रांड के रिटेल स्टोर्स के आए दिन सेल चलती रहती है। इस समय ऑनलाइन और ऑफलाइन होली सेल चल रही है इसके बाद नवरात्रि स्पेशल चलने लगेगी आप भी सुनहरी मौका समझकर शॉपिंग खुद कर लेंगे। ऐसे ही लोगों को बता दें कि हाल ही में फ्लोरिडा और कैरोलिना यूनिवर्सिटी के शोध में सामने आया कि इस तरह रिटेलर्स कस्टमर्स को बेवकूफ बनाकर मुनाफा कमाते हैं और किस तरह से आप खुद को सेल निकालते हैं हम आपको बताते हैं।
क्या वाकई में शॉपिंग मॉल, ऑनलाइन प्लैटफॉर्म और बड़े रिटेल स्टोर्स पर ग्राहकों को बेवकूफ बनाया जा रहा है?
शॉपिंग मॉल में जानबूझकर कौन सा सामान किस जगह कहां रखी होती है इसकी डायरेक्शन लिखी नहीं होती इसलिए यह होता है कि जो चीज आप खरीदने आए हैं उसे ढूंढते ढूंढते आपका ही ऐसी चीजों को देखकर खरीदने का प्लान करते हैं जो आपको जरूरत की नहीं होगी। मॉल में खिड़की और दरवाजे नहीं बनाए जाते इससे ग्राहक बाहर की दुनिया से पूरी तरह से कट जाते हैं और अंदर की चकाचौंध में फंसा रह जाता है। मॉल हमेशा महंगे आइटम पर सेल लगे रहते हैं साथ ही उसके पास सस्ते दामों वाले कई आइटम रखे जाते हैं जिससे लोग महंगी वाली चीजों को तो पसंद करते ही है लेकिन पास रखी सस्ती चीजें भी देख कर खुश हो जाते और खरीदने का मन बना लेते हैं। शॉपिंग मॉल को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि लोग उनकी तरफ आकर्षित हो ज्यादा टाइम स्पेंड करें।
यहां मैक्सिमम रिटेल प्राइस अधिकतम खुदरा मूल्य बढ़ाकर उस पर डिस्काउंट देते हैं। शॉपिंग मॉल में जब भी आप राइट में मुड़ेंगे आपको एक आकर्षित ऑफर मिलेगा ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर लोग राइट साइड की चीजों की और ज्यादा आकर्षित होते हैं। इसलिए जो मॉल में ज्यादातर ऑफर राइट साइड पर ही लगाए जाते हैं । सामानों पर ऐसी ही डील लगाते हैं कि कस्टमर्स को खूब सारा लेने का मन करने लगता है।
लखनऊ की हाईकोर्ट के एडवोकेट नवनीत मिश्रा कहते हैं कि कोई कंपनी इस तरह का कोई लालच देती है जिससे व्यक्ति के अधिकारों का हनन होता है और उसका समय , मेहनत ,धन ,बर्बाद है तो कोर्ट जाकर उसके खिलाफ अपने नुकसान की मांग करता है ,यह भी याद रखें कि इस पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है।
आजकल इन जगहों पर डिस्काउंट भी काफी मिलता है की कैसे कंपनियों को कोई फायदा होता है
तो इसके बारे में आपको बता दें कि इससे कंपनियों को सिर्फ फायदा ही होता है वह अपने प्रोडक्ट की एमआरपी बढ़ाकर डिस्काउंट देने का दावा करती है। डिस्काउंट देखकर कस्टमर को चीजें खरीद भी लेते हैं जिनमें उन्हें उस समय जरूरत नहीं होती इसलिए डिस्काउंट करके कंपनियां अपनी सेल बढ़ा लेती है। जैसे कोई प्रोडक्ट ₹100 का है तो पहले उसके एमआरपी ₹200 कर दी जाएगी फिर उस पर ₹50 का डिस्काउंट मिलेगा। इससे कंपनी को सिर्फ ₹50 का फायदा होगा बल्कि डिस्काउंट के चक्कर में लोग ज्यादा प्रोडक्ट भी खरीदेंगे।