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ला नीना के खत्म होते ही पूरी दुनिया में बढ़ सकता है गर्मी का कहर ,यहां जाने क्या है इस कारण

 

विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने वैश्विक तापमान वृद्धि की चेतावनी दी है साथ ही कहा है कि   ला नीना के बाद आगे गर्मी बढ़ाने वाला अलनीनो विकसित हो रहा है। यह बारिश के पैटर्न को भी प्रभावित कर सकता है।  पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अल नीनो 3 साल के बेहद असामान्य मौसम चरण को पूरे करने जा रहा है।  इसे दुनिया का मौसम बेहद प्रभावित हो सकता है। अल नीनो की घटना के दौरान प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा गर्मी थी।  पश्चिमी छोर के देश जिसमें अर्जेंटीना। ब्राजील आदि है वे  ठंडे रहे। '

1950 के बाद से केवल तीन बार हुआ है ला नीना का प्रभाव विनाशकारी हो सकता है।


पिछले साल 2022 ला नीना का लगातार तीसरा साल था जो अत्यधिक असामान्य था।  1950 के बाद से केवल तीन बार हुआ है ला नीना का प्रभाव विनाशकारी हो सकता है। इसी बीच अफ्रीकी देश सियरा अफ्रीका देश सियारा लियोन में यूजेनिया कारगबो को हीट ऑफिसर नियुक्त किया गया है। वह इस पद पर तैनात होने वाली अफ्रीका की भी पहली अफसर हैं।  

गर्मी से जुड़ी चेतावनी और प्रभाव को लेकर अपडेट करना

 जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रशांत क्षेत्र में होने वाला मौसमी बदलाव दुनिया पर सीधा असर डालता है। इन कड़ियों  को 'टेली कनेक्शन 'कहा जाता है इसका पहला उदाहरण 1920 के दशक में भौतिकी विज्ञान गिल्बर्ट वॉकर ने  दिया था उन्होंने देखा कि ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट पर वायुमंडलीय दबाव में परिवर्तन प्रशांत के मध्य में 8000 किलोमीटर दूर ताहिती के माध्यम से जुड़े हुए थे ल हेड ऑफिसर गर्मी से लड़ने के उपाय बताएंगे और हर इंसान को अपडेट करेंगी। पर्यावरण को लेकर विकसित देशों में अपनाए जा रहे उपायों की जानकारी देश के हर कोने और लोगों तक पहुंचाना।  ऐसे में वर्टिकल सिस्टम अपनाना होगा अत्यधिक गर्मी में तबीयत बिगड़ती है ऐसे में लोगों को कम लागत से बचना  सिखाना । गर्मी से जुड़ी चेतावनी और प्रभाव को लेकर अपडेट करना।

ला नीना" क्या होता है


ला नीना का मतलब स्पेनिश में लिटिल गर्ल होता है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। ला नीना से दुनिया भर के मौसम में असर पड़ता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इससे आसमान में बादल छाते हैं और बारिश होती है। भारत में कम और ज्यादा बारिश, ठंडी और गर्मी ला नीना पर ही निर्भर करता है। भारत में "ला नीना" के वजह से ज्यादा ठंड और बारिश की संभावना होती है।