नई वन्दे भारत ट्रेन ने ट्रायल के दौरान बनाया नया रिकॉर्ड, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर पर पोस्ट शेयर कर दी जानकारी

हाल ही में भारतीय रेलवे ने एक नई उपलब्धि हासिल की है भारतीय रेलवे का भविष्य कही जाने वाली वन्दे भारत ने एक ट्रायल रन के दौरान 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड को तोड़ दिया है यह रेलवे के लिए एक बड़ी कामयाबी है इस पर भारतीय रेल मंत्री ने वीडियो शेयर करते हुए एक ट्विटर लिखा है "आत्मनिर्भर भारत की रफ़्तार…"
दोनों ओर है ड्राइवर केबिन
आपको बता दे, वनडे भारत ट्रेन को शताब्दी के विकल्प के तौर पर लाया जा रहा है इस ट्रेन की स्पीड 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार है हालाँकि इसके लिए अनुकूल ट्रैक और ग्रीन सिग्नल की अत्यंत आवश्यकता होती है और इस ट्रेन में 16 कोचों के साथ में सामान ले जाने की सुविधा भी है इसमें दोनों तरफ ड्राइवर केबिन मौजूद है और वन्दे भारत ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन है रेलवे इस ट्रेन से यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान करने का दावा करता है
अहमदाबाद से मुंबई के बीच रहेगा रूट
इस ट्रेन के दूसरे चरण का ट्रायल रन कोटा-नागदा सेक्शन पर शुरू हुआ है रेलवे के अनुसार, ट्रायल रन पूरा होने के बाद इसकी रिपोर्ट रेलवे सेफ्टी कमिश्नर को भेजी जाएगी इसके बाद सुरक्षा आयुक्त से हरी झंडी मिलने के बाद नई वन्दे भारत को दूसरे रूट पर शुरू किया जाएगा और बताया जा रहा है कि नई ट्रेन अहमदाबाद और मुंबई के बीच में चली जाएगी नई ट्रेनों में में यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए ऑटोमेटिक फायर सेंसर, सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस सिस्टम लगाया गया है इन ट्रेनों की अधिकतम गति 180 किमी/घंटा तक है और आपको बता दे, ICF ने अगस्त तक 2023 तक 75 वन्दे भारत ट्रेनों का लक्ष्य रखा है
कवच तकनीक का उपयोग
पहले ट्रेनों की तुलना में हल्के डिब्बों होने के कारण नई ट्रेनों में यात्रा करना अधिक आरामदायक होता है कोच स्टेनलेस स्टील के बने हुए है इसके कारण इनका वजन कम है और ये तेज रफ्तार से चलने में ज्यादा सहज महसूस करते है इसके अलावा, इस ट्रेन में पायलट द्वारा संचालित ऑटोमेटिक गेट भी है इसकी खिड़कियाँ चौड़ी है सामान रखने के भी काफी जगह है इस ट्रेन का ज्यादातर हिस्सा मेड इन इंडिया है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी ट्रेनों में कवच तकनीक का उपयोग किया गया है