
विदेश मंत्री एस जयशंकर के हाजिर जवाबी और वैश्विक मामलो में उनकी पकड़ के प्रशंशक तो काफी है लेकिन अब चीन भी उनका प्रशंसक हो गया चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने जयशंकर के उस बयान की तारीफ की जिसमें उन्होंने यूरोप के वर्चस्वावाद का अस्वीकार करते हुए कहा था कि चीन -भारत अपने संबंधों को दुरुस्त करने में पूरी तरह से सक्षम है।
वांग यी ने कहा कि जयशंकर का बयान भारत की आजादी की परंपरा को दिखाता है चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत के साथ बुधवार को अपनी पहली बैठक में वांग ने कहा कि दोनों देशों को अपने रिश्तो की गर्मजोशी बरकरार रखने और उन्हें पटरी पर लाने ,पहले जैसी स्थिति में पहुंचाने के लिए एक ही दिशा में कोशिश करनी चाहिए विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए बयान में उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की तमाम वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और चीन व भारत और अन्य विकासशील देशों के हितों की रक्षा के लिए उन्हें मिलकर काम करना चाहिए।
वांग ने रावत से कहा कि हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से यूरोपीय वर्चस्ववाद को नकारने और चीन भारत संबंधों में बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप पर आपत्ति जताई थी यह भारत की आजादी की परंपरा को दिखाता है आपको बता दें की 3 जून को स्लोवाकिया की राजधानी ब्रतिस्लावा में एक सम्मेलन में डायलॉग सेशन में जयशंकर ने कहा था कियूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि उसकी समस्याएं दुनिया की समस्या है, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं है।
S Jaishankar on full fire 🔥🔥 this is the assertiveness we can see first time in Indian Foreign policy. " Europe has to grow out of the mindset that europes problems are worlds problems and vice versa isn't true." #ForeignPolicy pic.twitter.com/M00wCnEI1V
— Jahidhussain (@JahidHussain2) June 3, 2022
इस बयान में जयशंकर ने यूरोप के इस कांसेप्ट को खारिज किया था कि यूक्रेन हमले को लेकर भारत के रुख की वजह से चीन के साथ किसी भी मुश्किल स्थिति में भारत को मिलने वाली दुनिया की मदद पर असर पड़ सकता है इस पर उन्होंने कहा कि भारत का चीन के साथ कठिन रिश्ता है लेकिन इसे दुरुस्त करने में वह पूरी तरह से सक्षम है।