
ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी के डिलीवरी बॉय का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह घोड़े पर डिलीवरी करते हुए नजर आ रहा है जिसके बाद स्विगी ने इस डिलीवरी ब्वॉय की जानकारी लोगों से को शेयर करने के लिए कहा था वीडियो मुंबई का था जिसमें बारिश के मौसम में एक शख्स घोड़े पर सवार होकर फूड की डिलीवरी करते हुए दिखा था उसने अपनी पीठ पर स्विगी का बेग टाँग रखा था डिलीवरी ब्वॉय का ये खास अंदाज लोगों को काफी पसंद आया था और इसका घटना का यह वीडियो जमकर वायरल हुआ था।
स्विगी समेत इंटरनेट पर हर कोई घोड़े पर सवारी करने वाले शख्स के बारे में जानने के लिएउत्शुक था इसके लिए स्विगी ने ट्विटर पर उस शख्स के बारे में जानकारी देने वाले को ₹5000 का इनाम तक देने का ऐलान कर दिया था कंपनी ने बयान में कहा कि यह वीडियो , "यह वीर युवा स्टार कौन है? वह तूफान पर सवारी कर रहा है या बिजली पर? उस बैग में क्या है जिसे उसने अपनी पीठ पर बांधा है? वह बारिश में भी मुंबई की बिजी सड़क को पार करने के लिए इतना दृढ़ क्यों है? जब वह ऑर्डर देने गया तो उसने अपना घोड़ा कहां पार्क किया?
स्विगी ने उस शख्स को लेकर अपडेटदेते हुए बताया कि उन्होंने इस व्यक्ति की पहचान कर ली हैवह स्विगी का कर्मचारी या डिलीवरी पार्टनर नहीं है फूड डिलीवरी कंपनी ने ट्विटर पर एक प्रश्न उत्तर प्रारूप में प्रेस विज्ञप्ति जारी की है इसमें सभी की शंकाओ को दूर किया गया है ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी ने स्पष्ट किया था कि वह सुशांत नाम का एक 17 वर्षीय किशोर है वह स्विगी का डिलीवरी बॉय नहीं है वर्तमान में वह मुंबई में घोड़े के अस्तबल में काम करता है कंपनी के मुताबिक जिस स्विगी के लोगों वाला बैग उसने अपनी पीठ पर लाद रखा था उसमें घोड़े का सजाने का सामान था जो उसके दोस्त का था उसने अपने दोस्त से स्विगी का बैग लिया और उसे वापस करना भूल गया बैग का खुद इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
यह घोड़ा शादियों में जाता है कंपनी के अनुसार सुशांत घोड़ों की देखभाल करता है उसके दोस्त अवि ने ही यह वीडियो बनाया था जिसमें वः भारी बारिश के बीच मुंबई की सड़क पर स्विगी का बैग पीठ पर लादे गुजर रहा था वही सुशांत जिस घोड़े की सवारी कर रहा था उसका नाम शिवा है स्विगी ने बताया कि जिस ₹5000 का इनाम ऐलान किया गया था वह अवि को दे दिया गया जबकि कंपनी ने सुशांत को नया मोबाइल दिया था स्विगी ने स्पष्ट किया कि भले ही वह भोजन पहुंचाने के लिए अधिक पर्यावरण के अनुकूल तरीके अपनाना चाहते हैं लेकिन वे पारंपरिक तरीकों जैसे घोड़े और खच्चरों का उपयोग ट्रांसपोर्ट में नहीं करेंगे।