
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत का बड़ा कारण राज्य में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के शुरू करना है क्या अब इस योजना को बंद करने की तैयारी चल रही है मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की एक दलील के बाद ऐसी चर्चाएं सामने आई है।
व्यय विभाग की और से चेतावनी दी गई है कि PMGKAY को सितंबर महीने के बाद जारी रखने और टैक्स में किसी भी तरह की कटौती से केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है सरकार ने कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान गरीब जनता को मुफ्त में राशन उपलब्ध कराने के लिए पूरे देश में यह योजना शुरू की थी इसी साल मार्च महीने में 6 महीने का अवधि विस्तार भी दिया गया था।
एक एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में खाद्यान्न सब्सिडी के लिए 2 पॉइंट 700000 करोड रुपए का प्रावधान किया था 1 सितंबर तक PMGKAY के तहत मुफ्त खाना वितरण से ही सब्सिडी बिल बढ़कर 2 पॉइंट 8700000 करोड रुपए के आसपास पहुंचने का अनुमान हैऐसे में अगर सरकार PMGKAY को सितंबर के बाद अगले 6 महीने के केलिए बढ़ाती है तो इससे सरकारी खजाने पर 80,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा 2023 में खाद्यान सब्सिडी बढ़कर 3.7 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक इंटर्नल नोट में इस कि टैक्स कटौती और खाद्यान्न सब्सिडी के समय का दायरा बढ़ने से खजाने पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चाहे फूड सिक्योरिटी के आधार पर हो या वित्तीय स्थिति के आर्थिक आधार पर किसी भी स्थिति में PMGKAY की समय सीमा बढ़ाने की सलाह वर्तमान परिस्थिति में नहीं दी जा सकती ऐसे में सवाल पैदा हो गया की क्या सरकार सितंबर के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को बंद कर देग।