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दुबई में नहीं मिला इस महिला को बिमारी का इलाज ,लेकिन देसी डॉक्टर ने बिमारी को खोजकर ऐसे बचाई जान

 

कभी-कभी छोटी सी परेशानी कितनी बड़ी बीमारी बन जाती है लोग इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। अब दुबई की एक महिला को कभी-कभी धड़कन की समस्या होने लगी। सांसें तेज चलने लगी. इसके साथ ही कंपकंपी भी होने लगी। बाद में बेहोश होने लगी। इसके बाद उसने दुबई के डॉक्टरों को दिखाया डॉक्टरों ने एमआरआई, सीटी स्कैन सहित कई जांच करवाएं  लेकिन कोई खास परिणाम सामने नहीं आया।  डॉक्टरों ने अनुमान लगाया कि उसे कुछ विटामिन की कमी है इस तरह से उसे मल्टी विटामिन सप्लीमेंट लेने की सलाह दी गई । महिला गोली खाती रही लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। 

उसे ऐसी बीमारी निकली थी उसके होश उड़ गए

अंत में भारत आई और जांच के दौरान उसे ऐसी बीमारी निकली थी उसके होश उड़ गए। दरअसल, उसे नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया  सीटी स्कैन और एमआरआई में पाए गए को संदेशों के आधार पर गैस्ट्रो विभाग में इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पेनक्रिएटिक बिलीएरी साइंसेज के कंसल्टेंट डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी ने एडवांस एंडोस्कोपिक प्रोसीड्योर यानी एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड किया इस जाँच में ऐसी बिमारी का पता चला जिससे सबके होश उड़ गए।  उस महिला में एक्टोपिक इंसुलिनोमा की बीमारी पाई गई। 

डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया की अल्ट्रासाउंड किया एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड तो महिला के पेट में पेन्क्रियाज के  बाहर छोटी-छोटी ट्यूमर पाई गई जिसे एक्टोपिक इंसुलिनोमा कहा जाता है। उन्होंने कहा कि एक्टोपिक इंसुलिनोमा  एक दुर्लभ बीमारी है जो कैंसर की तरह होती है। पूरी दुनिया में  एक्टोपिक इंसुलिनोमा   के मामले में मुश्किल से 10-15 ही आए होंगे।  इसके  कोई और लक्षण कारण अभी तक पता नहीं इसलिए इस बीमारी का जल्दी से पता लगाना मुश्किल होता है। डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया कि एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाऊंड एक ऐसी प्रक्रिया जिससे मशीन  पेट  की बारीक से बारीक चीजों को बहुत नजदीक से देख लेती है। इसमें कुछ भी छूटना मुश्किल है। लेकिन मुश्किल यह थी कि महिला के पैंक्रियाज में ट्यूमर नहीं था बल्कि पैंक्रियाज से बाहर बहुत छोटा ट्यूमर था। आमतौर पर सीटी स्कैन हमारे पेनक्रियाज के अंदर फोकस करता है इस कारण इसकी तस्वीर सामने नहीं आ पाती थी। डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी  बताया कि खोजना बहुत जरूरी था। 

एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड में हमने इसे ढूंढ निकाला।  एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड में बायोप्सी के लिए सेल को भी निकाला जा सकता है जिसके कारण सेल के परीक्षण (FNAC) से पूरी तरह तय हो जाता है कि मरीज को वास्तव में है क्या. दुबई की इस मरीज में हमने बहुत छोटा ट्यूमर पाया जो 1.4 सेंटीमीटर का था. डॉ. श्रीहरि ने कहा, “हमने इतने छोटे ट्यूमर से सैंपल निकाला और इसे माइक्रोस्कोप में देखकर पता लगाया.” इसमें इंसुलिनोमा पाया गया। 

महिला पूरी तरह से स्वस्थ

डॉ. श्री हरि अनिखिंडी ने बताया कि जब पूरी तरह तय हो गया है कि महिला के पेट में ट्यूमर को निकालना है तो अगले ही दिन ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन सफल रहा और मरीज अब पूरी तरह सही है. वह अब सामान्य दिनचर्या में रह सकती है।