Movie prime

गैस स्टोव बंद रहने पर भी निलती रहती है गैस ,यहां जाने कितनी है ये खतरनाक

 

कुछ दशक पहले एक बार में खाना बनाने के लिए  एक बड़ी आबादी कोयला। लकड़ी। केरोसिन का इस्तेमाल करती थी लेकिन हाल के सालों में एलपीजी गैस ने इसकी जगह ले ली। अभी 30 करोड़ से अधिक एलपीजी और पीएनजी कंज्यूमर  अपने देश में है इसका मतलब हुआ कि यह देश के लगभग हर परिवार में एलपीजी गैस का इस्तेमाल खाना बनाने में हो रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाना खाना बनाने के दौरान गैस चूल्हे से हानिकारक नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस निकलती है ।

यही नहीं गैस चूल्हे में मीथेन बेंजीन हेक्साटोलीन भी रिलीज होता है

  यह गैस सांस की नली से होते फेफड़ों में पहुंच जाते हैं इसके कारण लोगों में अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा हो सकता है। यही नहीं गैस चूल्हे में मीथेन बेंजीन हेक्साटोलीन भी रिलीज होता है। कुछ ऐसे वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स होते हैं जिनमें अस्थमा  और कैंसर जैसी बीमारियों का रिस्क रहता है। यदि आप ऐसे घर में रह रहे हैं  जहा के किचन  लिए कोई  वेंटिलेशन नहीं है तो वह बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। 

 2018 में ऑस्ट्रेलिया में एक शोध में बताया गया कि बच्चों में अस्थमा होने का यह सबसे बड़ा कारण है। दिल्ली के शादीपुर स्थित पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर राकेश कुमार यादव  बताते हैं कि अगर किसी बच्चे को पहले से अस्थमा  और सांस लेने की तकलीफ है तो गैस का एक्सपोजर  उसकी बीमारी को और बढ़ा देगा बार बार खांसी आने ,हांफ  कर बात करने ,जोर-जोर से सांस लेने जैसे लक्षण नियमित रूप से देखे तो अलर्ट होने की जरूरत है। 

गैस चूल्हे का रिस्क किस तरह का होता है 

गैस चूल्हे का रिस्क  कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे किचन में वेंटिलेशन कैसा है ,गैस स्टोव कितना पुराना है और किस स्थिति में है। यह भी महत्वपूर्ण है आप इसका  इस्तेमाल किस तरह से कर रहे हैं। अगर कोई अच्छी वेंटिलेशन वाले घर में गैस चूल्हे का इस्तेमाल करता है तो  रिसना  काफी कम हो जाता है। 

गैस चूल्हा बंद रखने पर भी निकलती है गैस

गैस चूल्हा बंद रखने पर भी इससे मिथेन गैस निकलती है। इस गैस को ग्रीन हाउस गैस कहा जाता है जो कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार मानी जाती है। अगर किसी घर में वेंटिलेशन ठीक नहीं है तो एक घंटे से अधिक समय तक हवा में नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ी हुई होती है।