कही आप भी पसीने को रुमाल और टिश्यू से तो नहीं पोंछते ,यहां जाने क्यों पसीने को सीधा पंखे में सुखना चाहिए

मानसून शुरू हो चुका है ऐसे में उमस भरे मौसम में लोग पसीने से परेशान रहते है। पसीने पोछने के लिए कुछ लोग तोलिये से तो कुछ लोग रुमाल या तौलिए का तो कुछ लोग वेट टिश्यू का इस्तेमाल करते हैं।आजकल बाजार में कई तरह के खुशबूदार टिश्यू भी बिक रहे हैं जो चेहरे का तरोताजा रखने का दावा करते हैं। लेकिन इसके लिए इसके लिए पसीना पोछने के लिए रुमाल ,तोलिये ,टिस्यू का इस्तेमाल करें या ना करें। इसके लिए लोग दुविधा में रहते हैं। गुरु ग्राम स्थित के सिविल हॉस्पिटल में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सीमा ओबरॉय कहती है कि पसीने को पोंछने से पहले ही समझना जरूरी है कि पसीना आता कि वह दरअसल इंसान के शरीर का तापमान सर्दी गर्मी में एक जैसा ही रहता है।
शरीर गर्म हो गया और ठंडा होने की जरूरत है
हमारे शरीर में इसे दिल फेफड़े ,किडनी सब एक निर्धारित तापमान पर काम करते हैं इसको टेंपरेचर कहा जाता है। जब गर्मी का मौसम होता है तो शरीर के आसपास का टेंपरेचर बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर में कोर टेंपरेचर भी बढ़ जाता है जिससे पसीना आने लगता है। दूसरी स्थिति में पसीना तब आता है जब शारीरिक मेहनत वाला कोई काम किया जाता है। इससे शरीर का कोर टेंपरेचर बढ़ता है। पसीना आने का मतलब है कि शरीर गर्म हो गया और ठंडा होने की जरूरत है। आसान भाषा में समझे तो पसीना शरीर कानेचुरल एयर कंडीशनर है। यह बढ़े हुए कोर टेंपरेचर को कम करने के लिए शरीर से बाहर जाता है। हवा चलते ही पसीना सूखने लगता है और शरीर ठंडा हो जाता है। इसलिए पसीना एक सबसे बेहतर है कि पंखे में बैठ जाए।
वहीं अगर पसीना आए तो रुमाल या टिस्यू की जगह ड्राई पेपर टिशू का इस्तेमाल करें। लेकिन सबसे बेहतर है कि पसीने पसीने को पंखे में बैठ कर सुखाये । अक्सर लोग पसीना आने के बाद रूमाल या तोलिये से पोंछने लगते हैं। लेकिन अगर आप बार-बार पसीना पोंछेगे तो तो ठंडे नहीं हो पाते जबकि शरीर से पसीना इसलिए निकलता है ताकि वह ठंडा हो सके। ऐसे में पसीना पोंछना ठीक नहीं है। पसीना ज्यादा आए तो ऐसी चीजें पीएं जिससे शरीर को ठंडक मिलती है जैसे पानी, नींबू पानी, छाछ। शरीर का तापमान ठीक रहेगा और उससे पसीना नहीं आएगा।।
वेट टिश्यू से बैक्टीरियल इंफेक्शन
आजकल कई लोग पसीना पोंछने के लिए इस्तेमाल वेट वाइप यानी टिश्यू इस्तेमाल करते हैं । इनमें कई तरह के की फ्रेगरेंस, एंटीसेप्टिक डाले जाते हैं जिनमें कई केमिकल मिले होते हैं। लेकिन अगर शरीर पहले से ही गीला है तोवेट टिश्यू पसीना पोंछने की बजाय स्किन को गीला ही रखेगा। इसमें चेहरे सफेद बॉडी पर बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन होने का डर रहता है। अगर पहले से किसी की स्किन सेंसिटिव है तो उन्हें एलर्जी होने का भी खतरा बढ़ जाता है।वहीं, बैग में अगर वेट टिश्यू की सील खुली रह जाए तो उसमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।