बेटे से माँ को कभी नहीं करनी चाहिए ऐसी बातें ,बेटे की डिग्निटी पर पड़ सकता है इफेक्ट

बच्चों की परवरिश उसके जीवन को संवारने या निखारने में बड़ी भूमिका निभाती है। बच्चे को क्या सिखाया जा रहा है ,उससे क्या बात कही जा रही है। क्या करने को बोल रहे हैं। किस तरह उसकी गलतियों पर माता-पिता रिएक्ट करते हैं। यह सब कुछ उसके भविष्य पर प्रभाव डालता है। बेटों के संदर्भ में खासकर यह बात सुनने में आती है कि उसका अच्छा बुरा व्यवहार उसकी परिवार की ही देन है।
मां बेटे की रिश्ते की बात करें तो यह बेहद खास रिश्ता है। अक्सर कहा जाता है कि बेटा मां का लाडला होता है । ऐसे में मां की परवरिश ,मां का डांटना ,मां का डांटना-डपटना और प्यार करना सब कुछ बच्चे पर असर डालता है। कई बार मां बेटे को ऐसी बातें कहती है ऐसी बातें कह कर समझा कर उसे बड़ा करती है। उसे बुरी तरह प्रभावित करती है। इन बातों को खाने से परहेज किया जाना चाहिए।
माँ को बेटे से नहीं कहनी चाहिए यह बातें
लड़के रोते नहीं है
बेटों को बचपन से सिखाया जाता है कि उनका रोना कमजोरी की निशानी है बेटों को भावनाओ को अक्सर इस तरह की बातें कह कर दबा दिया जाता है। जब भी मां बेटे से कहती है तो वो खुद को टूटा महसूस करता हूं। उसे लगने लगता है कोई उसे नहीं समझ रहा है।
बैठे-बैठे खाता रहता है
बेटा अगर कॉलेज जाने वाला है कॉलेज खत्म करके किसी परीक्षा की तैयारी में लगा हुआ है या फिर कुछ समय समय सोचने -समझने के लिए चाहता है तो उसे इस तरह की ताने खूब दिए जाते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि लड़कों से उम्मीद की जाती है कि वही घर को चलाएंगे और उन्हें उन्हें बस आगे बढ़ते रहना है कभी रुकना नहीं है। चाहे बेटा ना जताये उसके मन में इन बातों की कितनी ठेस लगती है।
गलती तुम्हारी ही होगी
अक्सर यही समझा जाता है कि गलती लड़के की ही होती है चाहे इसका झगड़ा बहन से हो या फिर अपने दोस्त से। आपको उस पर बिना किसी सबूत के दोष रोपण करना या फिर उसे पर भरोसा ना करना उसे आहत करता है। बेटे को समझने की और उसकी बात सुनने की कोशिश करें तभी कोई फैसला ले।