लीव इन रिलशनशिप मर्डर और धोखे के केस देशवाशियों को कर रहे हैं हैरान ,यहां जाने रिश्ते में कब घुल रहा हैं जहर

श्रद्धा वाल्कर और आफताफ पुणे वाले केस की जांच अब तक चल ही रही है कि इस घटना के बाद लिव-इन पार्टनर की हत्या के कई मामले सामने आए। दिल्ली में निक्की यादव की हत्या उसके पार्टनर साहिल गहलोत ने गला घोटकर कर दी उसकी लाश को फ्रिज में छुपाया और शादी करने चला गया। महाराष्ट्र में हार्दिक शाह ने लिव-इन पार्टनर मेघा की गला घोटकर हत्या कर दी बॉडी को बेड के अंदर छिपा दिया उसके बाद उसने घर का फर्नीचर बेच दिया और मुंबई से राजस्थान भाग रहा था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया शादी के बंधन से छुटकारा पाने के लिए यंगस्टर्स लिव इन रिलेशनशिप को अपना रहे हैं। यही रिश्ता उन्हें सोसाइटी से दूर कर एक ऐसे मुकाम तक पहुंचा रहा है जहां से लौटना मुश्किल और नामुमकिन है। आज हम आपको कई एक्सपर्ट्स की राय के बारे में बताते हैं जो लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के अधिकारों के बारे में बता रहे हैं।
लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी दर्जा मिला है
इसका जवाब है कि रिलेशनशिप को लेकर इंडियन सोसायटी पॉजिटिव नहीं है इसके बावजूद कई मौकों पर कोर्ट के फैसलों में लिविंग और लीगल अधिकार मिले हैं लीव इन को कई अधिकार भी दिए गए हैं। संविधान का आर्टिकल 21 लोगों को हक देता है कि वह अपना अपना पार्टनर खुद चुन सकते हैं।
पार्टनर ने हाथ उठाया किसी तरह कावोइलेंस करे तो डोमेस्टिक वायलेंस का चार्ज लगता है। लिव इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे के पास शादी के बाद पैदा हुए बच्चे जितने अधिकार होते हैं मगर लिव इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चे को एन्सेस्ट्रल प्रॉपर्टी पर कोई अधिकार नहीं होता अगर कपल बिल्कुल शादीशुदा कपल की तरह रह रहा है जैसे बच्चे की स्कूल फॉर्म में माता-पिता की जगह उन दोनों का नाम लिखा है तो उन्हें एक शादीशुदा कपल ही माना जाएगा।
जब कानून लिव इन रिलेशनशिप के पार्टनर को शादी वाले सभी हक देता है तो यह शादी से अलग कैसे है?
शादी के बाद पैदा हुआ बच्चा ही लेजिटिमेट या वैध बच्चा माना जाएगा। शादी के बाद पैदा हुए बच्चे को एन्सेस्ट्रल प्रॉपर्टी पर भी हक होता है। पत्नी वाले कई अधिकार शादी के बाद ही मिलते हैं जैसे अगर पति चीट करें तो पत्नी ही उस पर एडल्ट्री का केस कर सकती है और एलीमनी डिमांड कर सकती है लिव-इन पार्टनर ऐसा नहीं कर सकती पति या पत्नी को अनुकंपा की नौकरी और पेंशन का अधिकार होता है।
कब मान लेना चाहिए कि टॉक्सिक हो गया है रिश्ता?
जवाब: ये बात सिर्फ लिव इन में रहने वाले दो लोग ही समझ सकते हैं। आप ही समझ सकते हैं कि आपके रिश्ते में प्यार ज्यादा है या नफरत और लड़ाई-झगड़े।
जब कोई आपके साथ फिजिकली और वर्बली (मौखिक) मिसबिहेव करे, तो वो रिश्ता पक्के से टॉक्सिक होता है, लेकिन कुछ दूसरी और बहुत बारीक बातें भी होती हैं, जो टॉक्सिक रिश्ते का संकेत हैं।