इस देश में गाय के पेट में बना दिया जाता है छेद ,यहां जाने क्या है इसका कारन

अमेरिका में गाय की उम्र बढ़ाने के लिए उसके शरीर में बड़ा छेद किया जाता है। दरअसल लंबे समय तक वेटरनरी सऊदी बात साबित हो चुका है कि गाय के शरीर में बड़ा छेद करने से देने से उसके नुकसान होने की बजाय फायदा ही होता है। डेरी देर से जुड़े लोगों को लोग बताते हैं कि इससे गायों की बीमारी से होने वाली असामयिक मौत के मामले में काफी कमी आई है। आपने कई बार सोशल मीडिया पर गायों के छेद वाली तस्वीरें और वीडियो देखी होगी। अब हम आज कुछ आपको इसके बारे के पीछे की कहानी बताते हैं।
यह बड़ा छेद को 'फिस्टुला' कहा जाता है
गाय के शरीर में बड़ा छेद देखकर अजीब लगता है लेकिन इसके पीछे वेटनरी से जुड़े शोध कर्ताओं का अपना तर्क है। उनका कहना है कि गाय के शरीर में बड़ा छेद कर देने से उसके शरीर के अंदर की बीमारियों को आसानी से निरीक्षण किया जा सकता है। इस बड़े छेद के जरिए यह भी जानने में सुविधा होती है कि गाय के पेट में खाना अच्छे से पच रहा है या नहीं इसका इससे गाय के पेट में रहने वाले बैक्टीरिया में भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। एक वेबसाइट के अनुसार गाय के शरीर में बनाए जाने वाले यह बड़ा छेद को 'फिस्टुला' कहा जाता है।शरीर के जिस हिस्से में बड़ा छेद बनाया जाता है उसे ' रुमेन' कहते हैं।
ओलचक इसे गायों के साथ क्रूरता मानते हैं और इसे रोकने के लिए कानून की मांग करते हैं
बताया जाता है कि जब गाय के शरीर में छेद के लिए सर्जरी की जाती है तो करीब 6 हफ्ते तक गाय परेशान हो जाती है हालांकि कुशल डाक्टरों के इस सर्जरी करने पर गाय को किसी भी तरह की नुकसान होने की संभावना नहीं होती है। गाय के शरीर में बड़ा छेद करने के बाद उसे प्लास्टिक के रिंग में बंद कर दिया जाता है साथी इच्छा के अनुसार ढक्कन लगाकर पेट में झांका जा सकता हैं। कई बार गाय बीमार होने पर उसके पेट में सीधे दवाई डाल दी जाती है। गाय के पेट में किसी तरह की गड़बड़ी की स्थिति में बैठने का हाथ डालकर गाय के पेट को खुद ही साफ कर लेते हैं। गाय के पेट में छेद करने की इस प्रक्रिया को सरकारी संगठन विरोध भी करते हैं विरोध करने वालों का कहना है कि क्या हम केवल फायदे के लिए पशुओ के साथ इस तरह का प्रयोग करना जायज नहीं है आलोचकों का कहना है कि अमेरिका में मौजूद सेंट्रल एनिमल वेलफेयर एक्ट ही एकमात्र ऐसा है जो अपने फायदे के लिए पशुओं के साथ किए जाने वाले प्रयोग को रोक सकता है साथ ही पशुओं को उसका अधिकार मिल सकता है। हालांकि खेती-बाड़ी के काम में उपयोग होने वाले गाय पर यह कानून लागू नहीं होता है। ओलचक इसे गायों के साथ क्रूरता मानते हैं और इसे रोकने के लिए कानून की मांग करते हैं।