कहीं एड़ियां फटने की वजह खराब लिवर तो नहीं , यहां जाने कैसे

पैर शरीर का ऐसा हिस्सा है जिस पर कम ध्यान दिया जाता है। पुराने जमाने लोग पैर देखकर इस शख्स इंसान की साफ-सफाई और उसके रहन -सहन का अंदाजा लगा ले लेते थे। पैरों पर ध्यान ना दिया जाए तो सबसे पहले एड़ियां फटती है। एड़ियों के फटने की सबसे बड़ी वजह फुट हाइजीन की कमी को कमी का होना है लेकिन क्या आपको पता है कि एड़ी फटने का कनेक्शन लीवर और शरीर में विटामिन की कमी से भी है। दिल्ली के शालीमार बाग स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. संजय खन्ना ने कहा कि जिन लोगों को भी है इसका असर देखने को मिल सकता है।
अगर पैरों में सूजन है तो यह लीवर की गड़बड़ी का ही संकेत है कि ऐसे लोगों लिवर ठीक से काम नहीं करता और पैरों में पानी जमा होने लगता है। ऐसे लोगों को लिवर की जांच करानी चाहिए। अल्ट्रासाउंड में फैटी लीवर का पता चलता है। इसके अलावा फाइब्रोस्कैन फैटी लीवर लिवर इंजरी का पता लगाया जा सकता है।
सिरोसिस से प्रोटीन की कमी
लीवर पर फैट यानी फैट जमा होने लगता है तो वह डैमेज होने लगता है। इसकी खतरनाक स्टेज को सिरोसिस कहा जाता है इसे प्रोटीन की कमी होने लगती है। इसमें एड़ियां फटी रहती है और खुजली भी होती है। फैटी लीवर अक्सर शराब पीने वालों को होता है लेकिन आजकल खराब पान बार और बिगड़ती लाइफ स्टाइल से भी लिवर में फैट जमा होने लगता है। फैटी लीवर को ठीक करने का सबसे बेहतर तरीका लाइफ स्टाइल में बदलाव रोज एक्साइज और बाहर का खाना छोड़ना है।जिन लोगों का फैटी लिवर है उन्हें खाने में फल, सब्जियां, हाई फाइबर युक्त अनाज, अंकुरित चने और मूंग को शामिल करना चाहिए। सोयाबीन, ओटमील, हल्दी, ड्राईफ्रूट्स और लहसुन खाना भी लिवर को हेल्दी रखता है। फैटी लिवर वालों को शराब बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए। इसके अलावा मीठी चीजों जैसे केक, कैंडी, पैक्ड जूस, कोल्ड ड्रिंक, तला खाना, रिफाइंड ऑयल, वाइट ब्रेड, पास्ता, चावल और नमक से दूर रहना चाहिए।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ एड़ियों की त्वचा मोटी और रफ होने लगती है
एड़िया विटामिन b3 ,विटामिन b12 और ओमेगा-3 की कमी से सही फट सकती है। इस विटामिन की कमी से शरीर में नमी की कमी हो जाती है। इस वजह से एड़िया ही नहीं इस वजह से एड़ियां ही नहीं पूरे शरीर की त्वचा रूखी और बेजान होने लगती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ एड़ियों की त्वचा मोटी और रफ होने लगती है जिससे उन पर पैच बन जाते है। इसे कॉर्न और कॉलस कहा जाता है क्योंकि चलते वक्त एड़ियों पर सबसे ज्यादा प्रेशर पड़ता है। एड़ियों पर पड़ रहे प्रेशर और कॉर्न-कॉलस होने से एड़ियां बहुत ज्यादा फटने लगती हैं। जब यह बहुत रूखी हो जाती हैं तो सूखी ब्रेड के टुकड़े की तरह त्वचा निकलने लगती है जिससे चलने में तो दिक्कत आती ही है लेकिन अगर बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाए तो ठीक होना मुश्किल हो जाता है।
अगर कोई डायबिटीज का मरीज है तो उन्हें अपनी फटी एड़ियों का खास ख्याल रखना चाहिए और शुगर लेवल कंट्रोल रखना चाहिए। ऐसे लोगों को नंगे पैर बिल्कुल नहीं चलना चाहिए। साथ ही चप्पल, सैंडल जैसे फुटवेयर पहनने से बचना चाहिए। बेहतर है कि जुराब पहनकर गद्देदार जूते पहनें। इससे एड़ियों पर प्रेशर नहीं पड़ेगा।