अगर किसी ने कर लिया आपकी जमीन पर कब्जा तो तुरंत करे ये काम

अक्सर संपत्ति को लेकर विवाद होते देखा गया है। ऐसे में आज हमको बताएंगे जगह हिस्सेदार आपके हिस्से की संपत्ति बेच रहा है तो आपको कहां शिकायत करनी होगी। जब एक ही जमीन भी के कई मालिक होते हैं उस पर अक्सर विवाद होते रहते हैं। कई बार जैसी स्थिति भी आती है कि हिस्सेदारों से ज्यादा पावरफुल व्यक्ति अपने हिस्से के साथ-साथ दूसरों के हिस्से को भी बाजार में बेचने की कोशिश करता है। ऐसी प्रॉपर्टी खरीदने वाले में दबंगी टाइप के होते हैं जिन्हें इस बात का घमंड होता है कि उन्होंने एक बार रजिस्ट्री करवा ली तो फिर उन्हें कोई नहीं हिला सकता। आप जब कभी भी इस तरह की स्थिति बनती दिखी दिखे तो आपको ऐसी जगह अपील करनी चाहिए कि तुरंत सुनवाई हो और तुरंत कार्यवाही भी हो ताकि कोई रिश्तेदार उस जगह को बेचना पाए।
सब रजिस्ट्रार के पास शिकायत से देखा गया है
यदि आप पुलिस के पास जाएंगे तो पुलिस इस मामले की में हेल्प ज्यादा नहीं कर पाए यदि आप सब रजिस्ट्रार के ऑफिस जाएंगे तो कुछ नहीं होगा ऐसे में कहां जाना चाहिए यह जान लेना बहुत जरूरी है।
अब शुरू करते हैं ना सब रजिस्ट्रार के पास शिकायत से देखा गया है कि सब लोग सबसे पहले सब रजिस्ट्रार का दरवाजा खटखटाते हैं यहां रजिस्ट्री की जाती है। लोगों को लगता है कि आवेदन करने से उनके मामले पर सुनवाई होगी ऐसा बिल्कुल नहीं है सब रजिस्टर का काम इन विवादों को समझाना नहीं है। सरकार के लिए रेवेन्यू जनरेट करने वाला अधिकारी है उसका काम बस डीड को रजिस्टर करना है जो लोग सब रजिस्ट्रार के पास नहीं जाते हो पुलिस थाने के चक्कर लगाते हैं पुलिस में सदा आपके साथ चक्कर चल कर दूसरे से हिस्सेदार को समझाने का प्रयास कर सकती है।
तो फिर क्या करें
इस मामले में अपनी शिकायत दर्ज करने का सही तरीका है सिविल कोर्ट के सामने अर्जी लगाना. आप सिविल कोर्ट में जाकर ठीक प्रकार से बंटवारा करने के आवेदन के साथ एक सिविल केस दायर कर सकते हैं। अगर आपको लग रहा है कि हिस्सेदार जल्दी प्रॉपर्टी बेच देगा तो आप स्टे के लिए एक एप्लीकेशन लगाकर दे सकते हैं। इससे जमीन पर स्टे लग जाएगा. स्टे एप्लीकेशन पर तुरंत सुनवाई होती है. बंटवारे वाले आवेदन में समय लग सकता है।
इसके बाद कोर्ट आपके आवेदन पर सुनवाई करेगी। दोनों पक्षों को बुलाया जाएगा. इसमें सब-रजिस्ट्रार को भी पक्षकार बनाया जाता है। सभी पक्षों की बातों को सुनने के बाद अगर कोर्ट को लगता है कि बंटवारे वाले केस पर फैसला आने तक स्टे लगाया जा सकता है, तो जज ऐसा कर देगा।