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सरिये और चुने के बिना ऐसे करे घर का निर्माण , बिल की बचत के साथ होगा हर तरफ से फायदा

 

आजकल मकान बनाना इतना महंगा हो गया। सीमेंट और सरिया के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में अगर आपको कोई ऐसा घर बना कर दे जिसे बनाने में ना सीमेंट लगे ,ना ही सरिया उसके बावजूद यह मजबूत भी हो। इतना भी नहीं हो इतना भी नहीं है जो ठंडा भी  रहता है जिसमें  ac का बिल कम आता हो और दिखने में भी शानदार हो। हम आपको बताते हैं ऐसा ही हुआ राजस्थान के अलवर में। आजकल लोग वापस से  सस्टेनबल लिविंग की ओर बढ़ रहे हैं।  तभी तो सिंगल यूज  प्लास्टिक को बैन किया गया है। पेपर कटलरी का उपयोग बढ़ा  हो  और लोग खाने में ऑर्गेनिक फूड भी इस्तेमाल करने लगे हैं। इस   घर को भी इसी सस्टेनेबल लिविंग के सिद्धांत को याद रखकर बनाया गया है। आप जानकर हैरान रह जाएंगे इसे बनाने में मिट्टी के साथ-साथ रसोई में काम आने वाले कई सामान को काम में लाया गया है।

 इस घर को शिप्रा सांघी नाम की एक आर्किटेक्ट ने डिजाइन किया है इस घर को बनाने में सीमेंट, कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है बल्कि लकड़ी ,बांस ,मिट्टी और पत्थर जैसे पारंपरिक सामान का इस्तेमाल कर इसका स्ट्रक्चर तैयार किया गया। इसकी दीवारों पर जो प्लास्टर किया गया उसमें ईंटों का चुरा  और मिट्टी मिलाई गई है। इसलिए इस मकान की दीवारों का स्पेशल लाल कलर मिलता है। मिट्टी का प्लास्टर होने की वजह से इस घर की दीवारें सीमेंट की तुलना में ज्यादा ठंडी रहती है। इस वजह से ऐसी का बिल भी काम आता है। 

वही आपको हैरानी होगी कि इसके फर्श और छत  बनाने के  मेथी दाना ,गुड़ और नीम   जैसी जड़ी बूटी और कई तरह की वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से कोठी से मक्खी मच्छर और कीड़े मकोड़े दूर रहते है।  मिट्टी का बना घर सोचकर आपको लग रहा हो कि यह कच्चा मकान तो नहीं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस मकान की मुख्य दीवारों को पत्थर से तैयार किया गया है। वही कॉलम भी पत्थर से बनाए गए हैं। यह सभी यहां अलवर में लोकली आराम से मिल जाता है।  इस मकान की छत पर जाने के लिए सीढ़ियां भी है। इस घर में दो बड़े-बड़े कमरे एक सेंट्रल हॉल तैयार किया गया है। वहीं इसका एल शेप का डिजाइन इस ठंडा रखने में मदद करता है।एल  शेप को होने की वजह से इस मकान में हवा का प्रभाव भी बढ़िया बना रहता । है