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यहां जाने क्यों शराब की बोतलें किलो में नहीं बिकती ,क्यों आती है अद्धा पौवा के रूप में

 

दारू एक ऐसा पेय  पदार्थ है जिसे प्रशंसक पूरी दुनिया में है   कुछ लोग दुख भूलने  के लिए पीते हैं तो कुछ लोग खुशी सेलिब्रेट करने के लिए पीते हैं यानी हर व्यक्ति के पास दारु पीने के अलग-अलग कारण है। ऐसे में आज हम आपको दारू से जुड़े सिद्धांत के बारे में बताएंगे। 

यहां पूर्ण अर्थ 750 मिलीलीटर

दरअसल भारत सहित दुनिया भर की कई देशों में दारू की दर काफी दिलचस्प है। पूर्ण यानी खम्भा ,हाफ यानि अद्धा , और क्वार्टर पव्वा चार तरह की दारू की बोतल है जो बाजार में मिलती है। लेकिन एक  दारू की बोतल 750  से मिली लीटर की होती है। वही हाफ में 375 मिलीलीटर दारू है ,क्वार्टर का आकार 180 मिलीलीटर है। हालांकि कुछ देशों में दारू लीटर में भी ऐसी जाती है। अमेरिका में हजार लीटर और  500 मिलीलीटर की दारू की बोतलें उपलब्ध है। किसी भी तरह तरल पदार्थ का लीडर का पैमाना स्टैंडर्ड तरीके से देखा जा सकता है जिसे 1 लीटर  या हजार मिलीलीटर पूर्ण का अर्थ है। ठीक उसी तरह हाफ 500 मिलीलीटर क्वार्टर ढाई सौ मिलीलीटर होना चाहिए। लेकिन दारू की मात्रा को कुछ अलग तरीके मापने की परंपरा है।  यहां पूर्ण अर्थ 750 मिलीलीटर। 

कहाँ से आया ये पैटर्न 

दरअसल ब्रिटिश भारत ने लंबे समय तक शासन किया। इसलिए हमारे देश में कई चीज है जिससे हम स्वाभाविक तौर पर ब्रिटिश मानकों  को मानते हैं। दारू की बोतल की साइज इससे जुड़ी है। इसी पैटर्न को ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहे अन्य देशों ने भी अपनाया है।  इसका पैग साइज सबसे बड़ा लॉजिक है।