यहां जाने बैंको में क्यों पड़ी लावारिस राशि जिसका नहीं कोई मालिक ,यहां जाने कितने करोड़ है ऐसे खाते

भारत में बैंक में लोग अपनी जमा पूंजी कराते हैं। बैंकों में जमा अमाउंट सुरक्षित रहती है और उन पर ब्याज भी हासिल किया जाता है। हालांकि वर्तमान में भारतीय बैंकों में काफी अमाउंट इसलिए लावारिस पड़ी है कि उनका कोई दावेदार नहीं है। इस तरह की राशि भारतीय बैंकों में हजारों करोड़ों रुपए में पड़ी है। वही आज हम आपको बताते हैं इस तरह की बैंकों में बड़ी राशि के बारे में।
इसे अनक्लेम्ड अमाउंट कहा जाता है
भारतीय बैंकों में करोड़ों रुपए की ऐसी राशि है जिन पर कोई दावा नहीं करता है। ऐसी राशि सालों से ऐसी रखी हुई है। इसे अनक्लेम्ड अमाउंट कहा जाता है। अगर किसी अमाउंट खाते में राशि पर 10 साल या उससे ज्यादा वक्त कोई गतिविधि ना हो तो ऐसी राशि में आ जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार फरवरी 2023 के अंत तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के जरिए 10 वर्षों से संचालित नहीं की गई जमा राशियों के संबंध में विस्तृत की गई अन क्लेम्ड अमाउंट 35,012 करोड़ रुपए थी इस राशि का कोई दावेदार नहीं था। बिना दावे वाली राशि 10 पॉइंट 24 करोड़ खाते से जुड़ी थी। जानकारी के मुताबिक ऐसी राशि उन लोगों की है जो अपने चालू या बचत खातों को बंद करने में विफल रही । मेच्योर एफडी को भुनाने के लिए बैंकों को सूचित करने में विफल रहे। मृतक जमाकर्ता जिनके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी बैंक या बैंकों के खिलाफ दावा दायर करने में विफल रहे हैं । ऐसे लोगों की अमाउंट बैंकों में ऐसे ही रखी है।
अभियान चलाने की जरूरत
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार-प्राप्त वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में पड़ी बिना दावे वाली राशि संबंधित लोगों को दिलाने में मदद के लिए अभियान चलाने की जरूरत बताई. बिना दावे वाली जमा राशि के बारे में सेठ ने कहा कि एफएसडीसी का मत है कि इसको लेकर एक अभियान चलाया जाए ताकि वित्तीय संस्थानों के पास जो बिना दावे वाली राशि है, वह संबंधित लोगों को मिल सके।