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आखिर कानून क्यों होता है अँधा और इंसाफ की देवी का असली नाम क्या है , यहां जाने इनके जवाब

 

कानून अंधा होता है आपने यह बात तो फिल्मों में कई बार सुनी होंगी। असल जिंदगी में शायद आपको इस कथन से सामना हुआ  होगा पर आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों कहा जाता है। जब जब यह बात उठती है तब तब आपको हिंदी फिल्म को  कोर्ट रूम  याद आ जाता है जिसमें इंसाफ  की देवी हाथ में तराजू लिए खड़ी होती है। क्या आपने सोचा है कि वह महिला कौन है और भारत से लेकर विदेशी कोर्ट तक इसकी है मूर्ति क्यों लगी हुई रहती है। आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे। 

जब भी इंसान मुश्किल में फंसता है तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि कानून की देवी को अंधा क्यों कहा जाता है। 

दरअसल कानून अँधा  इसलिए कहा जाता है  क्योंकि वो न्याय सुनाते समय ये नहीं देखता कि उसने सामने अमीर खड़ा है या गरीब, नेता खड़ा है या आम इंसान. कोर्ट सिर्फ तथ्यों और सबूतों के आधार पर फैसला करती है और कानून का पालन करवाती हैइसलिए भी का पूरा रूप रंग कानून की परिभाषा को बयान करता है। आपको बता दें की  कानून की देवी असल में यूनान की एक देवी है। यूनान की देवी  डिकी को न्याय की देवी कहा जाता है। वह थेमिस और जीएस की बेटी है। 

जो कानून के हर आयाम को दर्शाती है

 सबसे अनोखी चीज उनके  लुक में छुपी हुई है जो कानून के हर आयाम को दर्शाती है कि देवी की आंखों पर पट्टी बंधी है एक हाथ में तराजू है दूसरे में तलवार है। पैरों के नीचे सांप है जो यह दर्शाता है कि वह सच और झूठ बोलती है। उसके आधार पर ही न्याय करती है।  न्याय करते वक्त उनकी आंखों पर पट्टी बंधी रहती है। जिससे वह सामने खड़े व्यक्ति के रूप से प्रभावित ना हो पाए और गवाहों के आधार पर सही फैसला सुनाया। अपनी आंखों पर पट्टी बांधते हैं उनके हाथ में तलवार है वह दो धारी है। ये  तलवार दर्शाती है कि वह सिर्फ न्याय देतीही  नहीं उसका पालन करवाने की शक्ति रखती है। उनकी पोशाक में ऐसी है जैसे यूनान में पुराने वक्त के आदरणीय राजशाही  लोग पहना करते थे इसके अलावा पैरों के नीचे सांप का अर्थ है कि वह बुराई को कुचल देती है।