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आखिर स्वीमिंग में उतरते ही आखिर लोगो क्यों लगती है टॉयलेट ,यहां जाने इसका वैज्ञानिक कारन

 

  गर्मियों में स्वीमिंग करना काफी लोगों को अच्छा लगता है। इसे गर्मी में राहत मिलती है साथ ही फिट रहने के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज है। लेकिन क्या आपने खुल कभी इस बात को महसूस किया है कि जब भी आप नहाने के लिए स्विमिंग पूल   ,नहर या नदी में उतरते हैं तो आपको तेज पेशाब लगने लगता है ऐसा क्यों होता है। इस बारे में विज्ञान क्या कहता है।  हम आप किसके बारे में जानकारी देते हैं। 

काफी देर तक पानी में रहते हैं तो शरीर के सारे अंगों में खून तेजी से दौड़ने लगता है

 एक स्टडी के मुताबिक जब आप काफी देर तक पानी में रहते हैं तो शरीर के सारे अंगों में खून तेजी से दौड़ने लगता है। इसकी वजह से शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है इसके चलते किडनी की गतिविधि भी तेज हो जाती है और शरीर में मौजूद लिक्विड को तेजी से बाहर निकालने की कोशिश में जुट जाती है। यही वजह है कि स्विमिंग पूल या पानी के किसी भी स्रोत के अंदर लोगों को पेशाब तेजी से लगने लगता है।  इस स्थिति को वैज्ञानिक भाषा में  Immersion Diuresis कहा जाता है।  वैज्ञानिकों के मुताबिक कोई भी पानी के अंदर जितना गहराई में जाता है। उतनी मरीज की स्थिति और बढ़ जाती है। बॉडी के अंदर और पानी का प्रेशर बढ़ने लगता है जिससे बॉडी में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसके चलते माहौल के हिसाब से एडजस्ट करने के लिए मौजूद पानी को फिल्टर करके बाहर निकालने लगती है। यही वजह है कि पानी में घुसने के बाद तेज पेशाब लगने लगता है. ठंडे पानी में नहाने के दौरान भी ऐसी ही स्थिति आती है। 


लोग जानबूझकर नहीं करते ऐसी हरकतें

आप मानें या न मानें, लेकिन जिस भी स्विमिंग पूल में आप नहाने जाते हैं, उसमें काफी मात्रा में यूरिन घुला होता है. यह यूरिन उसमें तैराकी करने वाले लोग ही करते हैं. हालांकि कोई भी इस बारे में खुले तौर पर कबूल नहीं करता।  इस मुद्दे पर हुई एक स्टडी रिपोर्ट में पाया गया कि करीब 1 लाख 10 हजार गैलन वाले स्विमिंग पूल में करीब 8 गैलन यूरिन घुला होता है।  ऐसा लोग जानबूझकर नहीं करते बल्कि असल बात ये है कि स्विमिंग पूल में कुछ देर बिताते ही उनके ब्लैडर पर इतना प्रेशर बनने लगता है कि वे अपने पेशाब पर कंट्रोल ही नहीं कर पाते और उसे पूल में ही रिलीज कर देते हैं।