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आखिर क्यों है शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेट इतनी जरूरी ,यहां जाने कितनी लेनी चाहिए व्यक्ति को एक दिन में इसकी मात्रा

 

जब भी वजन कम करने की बात आती है तो हर कोई यही सलाह देता है कि डाइट में कार्बोहाइड्रेट लेना कम कर दो। कमजोरी लगने से एनर्जी लो होने पर भी लोग यह कहते हैं कार्बोहाइड्रेट प्रॉपर नहीं लेते होंगे। आखिर क्या होता है कार्बोहाइड्रेट से ,किस मात्रा में लेना चाहिए और किन लोगों को अपने खाने से कार्बोहाइड्रेट हटा देना चाहिए। इस पर आज बात करते हैं कार्बोहाइड्रेट जिन्हें कॉर्ब्स  भी बोलचाल की भाषा में कहा जाता है। एक प्रकार का मैक्रोन्यूट्रिएंट है खाने पीने की चीजों में पाया जाता है। कार में आपको शरीर ग्लूकोज में बदलकर एनर्जी देने का काम करता है।  तभी किसी की एनर्जी कम होने पर डॉक्टर खाने पीने में कॉर्ब्स  भी ज्यादा लेने की सलाह देते हैं। 

महिला और पुरुष के लिए कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अलग तय की गई है

महिला और पुरुष के लिए कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अलग तय की गई है।  एक हेल्थी पुरुष को 1 दिन में दो हजार और एक महिला को 2500  कैलोरी की जरूरत होती है। इसी कैलोरी को 45 से 65 परसेंट हिस्सा आपको कार्बोहाइड्रेट से मिलता है। इसे ऐसे समझे जब एक पुरुष को रोजाना कम से कम 200 केलोरी चाहे तो इस हिसाब से उन्हें 225 से 325 ग्राम कार्बोहाइड्रेट में शामिल करना चाहिए। इस हिसाब से महिलाओं को 325 ग्राम से ज्यादा कार्बोहाइड्रेट की जरूरत होगी। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती है कि अगर व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है तो उसके लिए कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अलग होगी। अगर मोटापा की बीमारी है। WHO की  गाइडलाइन में एडल्ट और बच्चों के लिए सैचुरेटेड और ट्रांसलेट को न्यूट्रिएंट्स रिप्लेस करने की सलाह दी गई है। इसके लिए अपने खाने में प्लांट बेस्ड और अनाज बेस्ड कार्बोहाइड्रेट शामिल करने को कहा है। 

आपको बता दें कि सैचुरेटेड फैट मीट, डेयरी प्रोडक्ट, तेल, बेकरी प्रोडक्ट, पैक्ड स्नैक्स में होते हैं। who ने कहा है कि कार्बोहाइड्रेट लेते समय इस बात का ख्याल रखें कि उसकी क्वालिटी पर ध्यान दें। यह देखें कि उससे आपके हेल्थ पर अच्छा असर होगा या नहीं। इस गाइडलाइन में 2 साल से ऊपर के बच्चे शामिल किए गए हैं। 2 से 5 साल के बच्चे 250  ग्राम 6 से 9 साल के बच्चे 350 सौ ग्राम 10 साल या उससे अधिक की उम्र के 400 ग्राम। अगर आपने ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लिया है तो वह भी नुकसानदायक हो सकता है ।  

ऐसे समझे कार्बोहाइड्रेट्स इंसान को एनर्जी मिलती है अगर आपने ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लिया है तो ऐसे ही इतनी इतनी एनर्जी चाहिए वह तो मिल जाएगी लेकिन बचा हुआ कार्बोहाइड्रेट फैट भी बदल जाएगा ,इससे मोटापा बढ़ेगा , फैटी लीवर ,कोलेस्ट्रॉल की समस्या बढ़ेगी। 

सिंपल कॉर्ब्स में डाइटरी फाइबर नहीं होता है 

बॉडी टाइप ,क्रोनिक की बीमारी और दूसरी बहुत सारी चीजें के आधार पर तय किया जाता है कि एक व्यक्ति को किस मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए। जाहिर सी बात है यह सब चीजें हर व्यक्ति में अलग होती है। इसे बेड कॉर्ब्स  भी कहा जाता है क्योंकि इनका डिसोल्यूशन यानी विघटन आसानी से हो जाता है।  सरल भाषा में कहें या जल्दी पच जाता है इस वजह से खून ब्लॉक हो जाए ,ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ जाता है। सिंपल कॉर्ब्स में डाइटरी फाइबर नहीं होता है। इसलिए सिंपल कॉर्ब्स  वाले फूड खाने में बहुत ज्यादा कैलोरी इंस्टेंट एनर्जी के तौर पर मिलती है इसके खाने के कुछ समय बाद ही लोगों को दोबारा भूख लग जाती है। लोग बार-बार ज्यादा मात्रा में खाना खाते हैं इस वजह से वजन और मोटापा बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।