आखिर कहाँ चले गए समुंद्री केकड़े ,कही ये धरती पर आने वाला कोई संकट तो नहीं

अमेरिकाक्षेत्र अलास्का के हाल ही के वर्षों में समुद्र शहर में बर्फीले केकड़े गायब हो गए हैं। वैज्ञानिकों ने गहन अध्ययन के बाद चौंकाने वाले खुलासे किये है। उनका मानना है कि समुद्र के बढ़ते तापमान की वजह से बर्फीले केकड़ी भूख से मर गए। ऐसा भी कहा जाता है कि पृथ्वी के ग्लोबल वार्मिंग की वजह से इन केकड़ो की मौत हुई है।
अगले साल और अधिक केकड़े देखने को मिले
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के वैज्ञानिकों द्वारा गुरुवार को एक प्रकाशित अध्ययन में पूर्व बेरिंग सागर में हालिया समुद्र की ग्राम लहरों और बर्फ के केकड़ों के अचानक गायब होने के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध पाया गया जो 2021 के सर्वेक्षणों में दिखा था। मत्स्य जीव विज्ञानी कोडी स्ज़ुवाल्स्की ने आगे कहा की 2021 का डेटा मिला तो मेरा दिमाग चकरा गया। उम्मीद और प्रार्थना कर रहा था कि इस सर्वेक्षण में एक त्रुटि निकल जाए। और अगले साल और अधिक केकड़े देखने को मिले।
बर्फ के केकड़ों के गायब होने का कारण का पता लगाने के लिए दो श्रेणियां में बांटा गया है
वैज्ञानिकों ने 2020 में शुरू होने वाले बर्फ के केकड़ों के गायब होने का कारण का पता लगाने के लिए दो श्रेणियां में बांटा गया है । बर्फ के केकड़े या तो चले गए या मर गए। 3 साल की स्टडी के बाद निष्कर्ष निकला कि यह संभव नहीं था कि केकड़े कहीं और चले गए। यह मृत्यु दर घटना सबसे बड़ा कारण था। मृत्यु दर घटने के पीछे का मुख्य कारण था भूखे केकड़े। इन केकड़ो को ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अपना सुरक्षित स्थान छोड़कर दूसरी जगह पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है । वैज्ञानिको ने बताया कि गर्म तापमान और उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण के बीच उच्च मृत्यु दर से महत्वपूर्ण रूप से जुड़े हुए हैं। यह केकड़े -2 डिग्री सेल्सियस से 12 डिग्री सेल्सियस तक जीवित रह सकते हैं। लेकिन समुद्र का बढ़ते तापमान से इनकी इनकी मृत्यू होने लगा ।