
धरती हमारी मां है धरती हमारी जननी है और पकृति हमारा जीवन है फिर भी हम विकास पर आधुनिकता की दौड़ में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है हम नेचर से दूर जा रहे है अब झरना नदी झील और जंगल देखने के लिए हमें बहुत दूर जाना पड़ा है पर्यावरण को नुकसान पहुंचने का खामियाजा हम समय -समय पर भुगत रहे है कभी बाढ़ आ जाती है तो कभी बादल फट जाते है यह सब वातारवरण में बदलाव के कारण होता है पेड़ों के कटने से हवा इतनी दूषित हो गई है की शहरों में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है शहरों की लाइफ तो पर्यावरण और नेचर से बहुत दूर हो गई है इन सबकी वजह कहीं न कही हमारी खराब लाइफस्टाइल है विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पूरी दुनिया में पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है इसलिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है
विकास के साथ दुनियाभर में पर्यावरण को नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है और वनों को नष्ट किया जा रहा है नदी और झरनों का रुख बदला जा रहा है जिसकी वजह से पूरी दुनिया में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है बढ़ते प्रदूषण और प्रकृति को होने वाले नुकसान को कम करने के लेकर जागरूकता अभियान चलने के लिए पर्यावरण दिवस मनाया जाता है इस दिन पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है
हर साल पर्यावरण दिवस की कोई न कोई खास थीम होती है इस साल विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम only one earth यानि केवल एक पृथ्वी रखी गई है जिसका मतलब है की नेचर के साथ सद्भाव में से रहना जरुरी है
पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए पहली बार साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण दिवस मनाने का एलान किया था तब से पूरी दुनिया में 5 जून को पर्यावरण दिवस मान्य जाता है