भारत में बढ़ रही है एक्स्ट्रा मेरिटयल अफेर्यस के मामले ,54 परसेंट पुरुष और 56 परसेंट महिलाओ ने कभी न कभी दिया है अपने साथी को धोखा

भारत ही नहीं पूरी दुनिया में एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशंस टैबू रहा है लेकिन यह भी एक हकीकत है हमेशा से ही समाज में ऐसा होता रहे पिछले कुछ साल में कानून से लेकर समाज तक कई चीजों में बदलाव आए हैं टेक्नोलॉजी ने कई चीजों को आसान बनाया हैं ऐसे में एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशन के लिए डेटिंग एप्स यूज करने वाले लोगों में भी तेजी आई है ऐसे ही कुछ वजह है जिससे बात करके पता चला कि उन्होंने बेवफाई के पीछे बोरियत ,उदासी, पति या पत्नी की अनदेखी, उनके रोकथाम और मैरिज लाइफ की इच्छाएं पूरी ना होने का जिम्मेदार बताया है ऐसे ही एक एक्स्ट्रा मैरिटल डेटिंग एप्स की कंट्री मैनेजर कहती है कि भारत में लोग अब अपनी इच्छाएं खुल कर जता रहे हैं हालांकि कुछ लोग एप्स के जरिए सिर्फ वर्चुअल फ्लर्ट तक सीमित है तो रियल लाइफ अफेयर्स शुरू करने वालों की संख्या भी कम नहीं है।
आमतौर पर लोग डेट को ही रिलेशनशिप मान लेते हैं डेट पर गए तो रिलेशनशिप शुरू लेकिन ऐसा नहीं है डेटिंग रिलेशनशिप की तरफ एक कदम भर है डेटिंग के दौरान लोग एक दूसरे को समझते हैं पसंद -नापसंद करते हैं फिर उसके बाद रिलेशनशिप में जाने का फैसला करते हैं कोई एक वक्त में सिर्फ एक साथी के साथ डेट पर जाता है तो कुछ लोग एक साथ कई लोगों को डेट करते हैं कई बार जब लोग जब रिश्ते को सीरियसली लेने लगते हैं तो फिर डेट पर जाने का फैसला करते हैं उनका इरादा शादी का भी हो सकता है वहीं कुछ लोग सिर्फ साथ में घूमने फिरने के लिए डेट पर जाते हैं जिसे वे कैजुअली डेटिंग कहते हैं और, डेटिंग के लिए ऐप्स से आसान तरीका और कौन सा हो सकता है भला शादीशुदा कपल्स में से अगर कोई दूसरे पुरुष या महिला से संबंध बनाता है तो उसे एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर या एडल्ट्री कहते हैं 2018 से पहले तक देश में ऐसा करना क्राइम था आईपीसी की धारा 497 के तहत किसी और की पत्नी से संबंध बनाने वाले पुरुष को जुर्माना और 5 साल की सजा मिलती थी हालांकि इसमें महिला के खिलाफ ना तो केस डेज होता था और ना ही उसे कोई सजा मिलती थी इसलिए 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने डेढ़ सौ साल पुराने इस कानून को रद्द कर दिया ।
कंट्री मैनेजर ने बताया की टेक्नोलॉजी ने चीजों को आसान बनाया है। हर चीज एक क्लिक पर मिल जाती है। सोशल मीडिया ने हमें सिखा दिया है कि इंस्टैंट रिवॉर्ड से खुशी कैसे मिलती है। जिससे लोगों में अब न तो धैर्य रहा और न ही अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए वे ज्यादा इंतजार कर सकते हैं। लोगों का खुद पर फोकस बढ़ गया है। इसका असर जिंदगी पर भी पड़ रहा है शादीशुदा जिंदगी में नाखुश होकर डेटिंग ऐप्स पर खुशियां तलाशने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओं से कहीं ज्यादा है। एक्स्ट्रा-मैरिटल डेटिंग ऐप ग्लीडेन की कंट्री मैनेजर सिबिल शिडेल कहती हैं, भारत में उनके ऐप यूजर्स में 75% पुरुष हैं, तो 35% महिलाएं हालांकि, ग्लोबल लेवल पर 60% पुरुष और 40% महिलाएं इस ऐप को यूज कर रही हैं। वहीं, अधिकतर पुरुषों की उम्र 35 साल से ज्यादा है, तो महिला यूजर्स 26 साल की होने के बाद डेटिंग शुरू कर देती हैं।